UP Bypolls- EXIT POLL चाहें जो कहें, बीजेपी में भितरघाट! उलटफेर की आशंका

(तुषार श्रीवास्‍तव, लखनऊ): EXIT POLL में महाराष्‍ट्र-झारखंड समेत यूपी उपचुनावों में भले ही बीजेपी को बढ़त मिलने का अनुमान व्‍यक्‍त किया जा रहा हो लेकिन इसके बावजूद उत्‍तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भितरघात ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है.

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(तुषार श्रीवास्‍तव, लखनऊ): EXIT POLL में महाराष्‍ट्र-झारखंड समेत यूपी उपचुनावों में भले ही बीजेपी को बढ़त मिलने का अनुमान व्‍यक्‍त किया जा रहा हो लेकिन इसके बावजूद उत्‍तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में भितरघात ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल बीजेपी को मतदान के बाद इस तरह के इनपुट मिले हैं कि भितरघात हुआ है. सूत्रों के मुताबिक कुंदरकी, कटेहरी और फूलपुर में भितरघात की सबसे ज्‍यादा शिकायत मिली है.

दरअसल सभी 9 सीटों पर टिकट को लेकर कई पूर्व सांसद, विधायकों एवं पुराने कार्यकर्ताओं ने दावा किया था लेकिन पार्टी ने टिकट देने में जल्दबाजी न करते हुए सीटवार जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्याशियों की घोषणा की थी. इस कारण कई सीटों पर टिकट से वंचित लोगों की ओर से भितरघात किए जाने की बात सामने आई है.

मझवा, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ में तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही इसकी शिकायत मिलने लगी थी. इसे रोकने के लिए पार्टी के नेताओं ने पूरी कोशिश भी की फिर भी कई सीटों पर अपनों की मुखालफत सामने आई है. सूत्रों का कहना है कि सबसे अधिक शिकायतें कुंदरकी और कटहरी सीट पर सामने आई है. इन बातों ने नतीजों के ऐन पहले बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. फिलहाल भाजपा ने भितरघातियों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है.

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हम नैतिक रूप से जीत चुके: अखिलेश यादव इस बीच सपा नेता अखिलेश यादव ने उपचुनावों को लेकर शुक्रवार को सोशल मीडिया X पर पोस्‍ट लिखा. उन्‍होंने कहा कि इंडिया गठबंधन-समाजवादी पार्टी की सजगता व सक्रियता से जिस तरह हमारे मतदाताओं, समर्थकों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, उम्मीदवारों, समस्त पीडीए समाज व कुछ ईमानदार मीडियाकर्मियों ने भाजपा सरकार की चुनावी धांधली का डटकर सामना किया है, उसकी प्रशंसा हर ओर हो रही है. ये सक्रियता आगे भी जारी रहेगी और अपनी सरकार बनाएगी.

उन्‍होंने कहा कि सच तो ये है कि जिस प्रकार भाजपा और उनके संगी-साथियों के चुनावी घपलों से लेकर राजनीतिक हथकंडों तक का लगातार पर्दाफ़ाश हो रहा है, उससे भाजपा का समर्थन करनेवालों की संख्या दिन-पर-दिन गिरती जा रही है. जनता भाजपा को चुनना नहीं चाहती है, इसीलिए भाजपा भ्रष्ट शासन-प्रशासन-प्रचार तंत्र का दुरुपयोग करके सरकार में बने रहना चाहती है. उम्मीद है धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झांसा देकर गलत काम करवाती है फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उनपर मुक़दमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे पल्ला झाड़ लेती है. भाजपाई फंसानेवाले लोग हैं, बचानेवाले नहीं. भाजपा किसी की सगी नहीं है. इसीलिए इंडिया गठबंधन-सपा के सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से ये अपील है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें. हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाक़ी है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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